आज के समय में लोग अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश (Investment) पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। खासकर मिडिल क्लास फैमिली के लोग एसआईपी (SIP) यानी Systematic Investment Plan को सबसे बेहतर मानते हैं, क्योंकि इसमें हर महीने छोटी-छोटी रकम जोड़कर बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है। लेकिन कई बार लोग बिना जानकारी और बिना सोच समझ के एसआईपी में पैसा लगाते हैं और बाद में पछताना पड़ता है। अगर आप भी एसआईपी के जरिए अच्छा फंड बनाना चाहते हैं, तो इन 5 बड़ी गलतियों से बचना बेहद जरूरी है, वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है।
1. बिना लक्ष्य तय किए निवेश करना
सबसे पहली और बड़ी गलती लोग यही करते हैं कि वे बिना किसी लक्ष्य के एसआईपी शुरू कर देते हैं। जैसे – किसी को 10 साल बाद बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसा चाहिए, किसी को 15 साल बाद रिटायरमेंट फंड बनाना है, तो किसी को घर खरीदना है। अगर आप बिना सोचे बस निवेश (Investment) शुरू कर देंगे, तो हो सकता है कि जरूरत के समय आपके पास पर्याप्त पैसा न हो। इसलिए हमेशा यह तय करें कि आपको कितने समय में कितनी राशि चाहिए और उसी हिसाब से एसआईपी चुनें।
2. छोटी अवधि के लिए एसआईपी करना
एसआईपी का असली फायदा लंबी अवधि (Long Term) में मिलता है। लेकिन बहुत लोग सोचते हैं कि 1 या 2 साल में ही लाखों रुपए मिल जाएंगे। ऐसा करना गलत है। एसआईपी में कंपाउंडिंग का जादू समय के साथ बढ़ता है। यानी जितनी लंबी अवधि तक निवेश करेंगे, उतना ज्यादा रिटर्न मिलेगा। अगर आप जल्दी पैसा निकाल लेंगे, तो आपको अच्छा लाभ नहीं मिल पाएगा।
3. रिटर्न का गलत अनुमान लगाना
बहुत से लोग यह मानकर चलते हैं कि अगर उन्होंने 12% रिटर्न वाली स्कीम चुनी है, तो हर साल उन्हें पक्का 12% ही मिलेगा। लेकिन म्यूचुअल फंड्स मार्केट से जुड़े होते हैं, और इनमें उतार-चढ़ाव आता रहता है। कभी 8% मिलेगा, कभी 15% भी मिल सकता है। इसलिए हमेशा औसत रिटर्न (Average Return) को ध्यान में रखकर निवेश करें, न कि गारंटी समझकर।
4. बीच में एसआईपी रोक देना
कई बार लोग शुरुआत में तो बड़े उत्साह से एसआईपी शुरू कर लेते हैं, लेकिन कुछ महीनों बाद बीच में ही बंद कर देते हैं। यह सबसे बड़ी गलती होती है। एसआईपी का फायदा तभी मिलेगा जब आप इसे लगातार और लंबे समय तक जारी रखेंगे। अगर आप बीच में रोक देंगे, तो आपके पैसे का सही इस्तेमाल नहीं हो पाएगा और आपको नुकसान हो जाएगा।
5. सिर्फ एक ही फंड में निवेश करना
कुछ लोग सोचते हैं कि अगर एक म्यूचुअल फंड में पैसा डाल देंगे तो सब काम हो जाएगा। लेकिन यह सही तरीका नहीं है। हमेशा अलग-अलग सेक्टर और कैटेगरी के फंड्स में निवेश करना चाहिए। इसे Diversification कहा जाता है। ऐसा करने से अगर एक फंड में घाटा होता है तो दूसरे फंड से बैलेंस हो जाता है और आपका कुल नुकसान कम होता है।
एक उदाहरण से समझिए
मान लीजिए आप हर महीने ₹5000 की एसआईपी 15 साल तक करते हैं और औसतन 12% का रिटर्न मिलता है।
मासिक निवेश | अवधि | अनुमानित रिटर्न | कुल फंड |
---|---|---|---|
₹5000 | 15 साल | ~12% | लगभग ₹25 लाख |
अगर आप बीच में 5 साल बाद ही पैसा निकाल लेंगे, तो यह फंड घटकर केवल ₹4-5 लाख ही रह जाएगा। यही वजह है कि एसआईपी को लंबे समय तक जारी रखना जरूरी है।
निष्कर्ष
अगर आप सच में चाहते हैं कि एसआईपी से अच्छा खासा फंड बने और भविष्य में पैसों की टेंशन न हो, तो ऊपर बताई गई गलतियों से हमेशा बचें। सही प्लानिंग करें, लंबी अवधि तक निवेश करें, बीच में एसआईपी बंद न करें और हमेशा Diversification का ध्यान रखें। याद रखिए – एसआईपी कोई शॉर्टकट नहीं बल्कि धीरे-धीरे धन बनाने का सबसे सुरक्षित तरीका है।
डिस्क्लेमर: बताए गए आंकड़े और उदाहरण अनुमानित हैं। निवेश (Investment) करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। बाजार में निवेश जोखिम (Risk) के अधीन है।